आपके साथ हूँ मै प्रेमधारा पार्वती राठौर.कैसे हैं आप.कहीं पढ़ा मैंने कि अगर हवा न हो तो हम कुछ भी सुन नही पायेंगे.यानि शब्दों को हवा का माध्यम चाहिए.शब्द हवाओं की पीठ पर चढ़कर एक कान से दूसरे कान की तरफ जाते हैं.यानि आप दो लोगों को ऐसी जगह बंद कर दे जहाँ vacuum हो तो वो बेचारे बात ही नही कर पायेंगे.तो सोचिये भाई हवा कितनी जरूरी है.न केवल साँस लेने के लिए बल्कि बातें करने के लिए भी.
तो आप तो हवा को देख नही पाते हो.क्या महज इसलिए कि आपको हवा देखती नही है आप हवा की मौजूदगी से इनकार कर सकते हो.बोलो.नही न.भाई ये तो भगवान की बनाई हवा है जो हर जगह है मगर फिर भी देखती नही.पर जब आप पंखा चलाते है तो हवा को महसूस कर सकते हैं.
इसीप्रकार भगवान भी हर जगह हैं और भगवान भी देखते नही.पर जब आप उनका नाम लेने लगते हो.उनके भक्तों का संग करने लगते हो तब आप उन्हें अपने आस-पास महसूस करने लगते हो.
तो भगवान को जानने के लिए ही ये मानव जीवन मिला है आपको.उन्हें जानिये,उन्हें मानिए और उनके हो जाईये.
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चलिए शुरुआत करते हैं इस श्लोक से.बहुत ही सुन्दर श्लोक सिर्फ आपके लिए ध्यान से सुनिए.श्लोक का अर्थ:
"जो ये जानता है कि भौतिक सुख चाहे अच्छा हो या बुरा,इस जीवन में हो या अगले जीवन में,इस लोक में हो या स्वर्गलोक में हो,क्षणिक तथा व्यर्थ है और ये जानता है कि बुद्धिमान पुरुष को ऐसे ऐसी वस्तुओं को भोगने या सोचने का प्रयास नही करना चाहिए,वो आत्मज्ञानी है.ऐसा स्वरुपसिद्ध व्यक्ति अच्छी तरह से जानता है कि भौतिक सुख बारम्बार जन्म और अपने स्वाभाविक स्थिति के विस्मरण का एकमात्र कारण है."
तो देखिये कितनी सुन्दर बात आपको यहाँ बतायी गयी है.ये श्लोक,ये श्लोक बता रहा है कि आप क्यों इस भौतिक धरातल पर आते हैं.ये तो आपको पता ही है कि आप आत्मा हैं.आप शरीर नही हैं.आप जानते हैं इस बात को.है न.लेकिन आत्मा शरीर क्यों धारण करती है.ये प्रश्न उठता है.है न.आप सोचते होंगे कि हम तो आत्मा हैं.भगवान के अंश हैं तो हमें तो भगवान के लोक में रहना चाहिए.
लेकिन यहाँ बताया गया है कि जो व्यक्ति भौतिक रूप से सुखी रहने का प्रयत्न करता है.इस संसार में ही सारे रस ढूँढने का प्रयास करता है.इस संसार को अपना लेता है.इसी संसार में इच्छओं के अनेकानेक जंगल में फंस जाता है.ऐसे व्यक्ति को दुबारा जन्म लेना पडता है.क्यों?क्योंकि भगवान परम दयालु हैं.भगवान अपने बच्चों का हित चाहते हैं.उनकी इच्छा को पूरी करना चाहते हैं.जब उनके बच्चे,उनके अंश कोई इच्छा करते हैं तो भगवान कहते हैं कि इस इच्छा को पूरा करने के लियी आपको फिर से भौतिक जीवन जीना पडेगा.
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